Indo-Tibetan Border Police (ITBP) has been safeguarding the India-China borders since its inception on October 24, 1962.
During the India-Pakistan war of 1971, 02 battalions of ITBP were deployed on the Western Front.
ITBP commandos took over security at the 9th Asian Games held in New Delhi in 1981-82 as a Special Responsibility. The tasks of Anti-Terrorist Security Duty during Commonwealth Heads of Government Meeting-1983 and security during Non-Aligned Movement-1983 were also given to ITBP.
ITBP was deployed to stop the bank robberies by terrorists in Punjab in 1987.
ITBP was deployed in Jammu and Kashmir during peak of militancy in the state from 1990 to 2004 and killed many top militants in various operations against terrorists in the State.
ITBP was deployed from 2004 to 2008 to protect the road construction work done from Delaram to Zaranj in Afghanistan. The Force was deployed in Gurguri, Minar and Zaranj to protect the construction works by BRO India.
ITBP has been performing the task of security of the Indian Embassy in Kabul since 2002 and subsequently 4 other Consulates in Afghanistan till the year 2021. The brave commandos of ITBP have performed their duties with great bravery and courage and have thwarted many fidayeen attacks targeting Indian offices in Kabul, Herat, Jalalabad and Mazar-e-Sharif.
The Force and its officers have played a significant role in UN security missions in many nations across the globe including DR Congo, Sudan, Bosnia, Kosovo and various other countries.
ITBP has carried out many successful operations in Chhattisgarh against Left Wing Extremism (LWE) since its deployment in 2009, in which many Naxalites were killed, hundreds of Naxalites surrendered and a huge amount of ammunition was recovered.
Taking a historic decision in the field of Women Empowerment, ITBP has deployed women personnel at its Border Out Posts since 2016.
ITBP has conducted many relief and rescue operations as the first responder in the Himalayan regions. In the catastrophic floods in Kedarnath (Uttarakhand) in the year 2013, ITBP came to the fore as the first disaster response force in the areas affected by the floods. A relief and rescue operation was carried out at the war level, in which 33,009 people were rescued by making bridges and paths with local resources.
ITBP rescued 12 citizens from a flooded tunnel and distributed essential materials to the affected villages during the disaster caused by the flood after a glacial burst in Tapovan, Uttarakhand in February, 2021.
ITBP is Pioneer in the field of adventure sports like mountaineering, skiing, river rafting, ice hockey etc. The Force has carried out a record 220+ successful mountaineering expeditions, including four successful climbs to Mount Everest. The Force has won the national Ice Hockey championship many times.
ITBP has organized Ganga Cleanliness Jan Jagran Abhiyans twice through river rafting campaigns during the year 2012 and 2015.
ITBP has been awarded with many awards including Padma Shri-7, Kirti Chakra-2, Shaurya Chakra-6, Sena Medal-1, President's Police Medal for Gallantry-19, President's Police and Fire Service Medal for Gallantry-2 , Police Medal for Gallantry-131, Parakram Padak-79, Best Jeevan Raksha Padak-2, Uttam Jeevan Raksha Padak-13, Jeevan Raksha Padak-12, Prime Minister's Jeevan Raksha Padak-88, and Tenzing Norgay Adventure Award-13 etc.
ITBP's Marching Contingent has won the 'Best Marching Contingent' trophy 06 times during the Republic Day Parade at the Rajpath. The ITBP tableau was showcased at the Republic Day Parade twice in 1998 and 2018.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) 24 अक्टूबर, 1962 को अपनी स्थापना के बाद से भारत-चीन सीमाओं की सुरक्षा कर रही है।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पश्चिमी मोर्चे पर आईटीबीपी की 02 बटालियन तैनात की गई थीं।
आईटीबीपी कमांडो ने 1981-82 में नई दिल्ली में आयोजित 9वें एशियाई खेलों में एक विशेष जिम्मेदारी के रूप में सुरक्षा व्यवस्था संभाली। राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक-1983 के दौरान आतंकवाद विरोधी सुरक्षा ड्यूटी और गुटनिरपेक्ष आंदोलन-1983 के दौरान सुरक्षा के कार्य भी आईटीबीपी को सौंपे गए।
1987 में पंजाब में आतंकवादियों द्वारा बैंक डकैती को रोकने के लिए ITBP को तैनात किया गया था।
आईटीबीपी को जम्मू-कश्मीर में 1990 से 2004 तक राज्य में आतंकवाद के चरम दिनों में तैनात किया गया था और राज्य में आतंकवादियों के खिलाफ विभिन्न अभियानों में बल ने कई शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया था।
अफगानिस्तान में डेलाराम से जरांज तक किए गए सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी को 2004 से 2008 तक तैनात किया गया था। बीआरओ इंडिया द्वारा निर्माण कार्यों की सुरक्षा के लिए बल को गुरगुरी, मीनार और जरांज में नियुक्त किया गया था।
आईटीबीपी अफगानिस्तान में 2002 से काबुल में भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात है और साथ ही वर्ष 2021 तक अफगानिस्तान में स्थित 4 अन्य वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा का कार्य करती रही। ITBP के बहादुर कमांडो ने अफ़ग़ानिस्तान में बड़ी बहादुरी और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया है और काबुल, हेरात, जलालाबाद और मजार-ए-शरीफ में भारत के कार्यालयों को निशाना बनाने वाले कई फिदायीन हमलों को विफल किया है। ।
बल और उसके अधिकारियों ने डीआर कांगो, सूडान, बोस्निया, कोसोवो और कई अन्य देशों सहित दुनिया भर के कई देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ITBP ने 2009 में अपनी तैनाती के बाद से छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (LWE) के खिलाफ कई सफल ऑपरेशन किए हैं, जिसमें कई नक्सली मारे गए हैं, सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है ।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आईटीबीपी ने 2016 से बल की सीमा चौकियों पर महिला कर्मियों को तैनात किया है।
आईटीबीपी ने हिमालयी क्षेत्रों में पहले प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में कई राहत और बचाव अभियान चलाए हैं। वर्ष 2013 में केदारनाथ (उत्तराखंड) में आई भीषण बाढ़ में बल बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में प्रथम आपदा मोचन बल के रूप में सामने आया। वहां युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया गया, जिसमें स्थानीय संसाधनों से पुल और रास्ते बनाकर 33,009 लोगों को बचाया जा सका I
फरवरी, 2021 में उत्तराखंड के तपोवन में हिमनदों के फटने के बाद आई बाढ़ के कारण आई आपदा के दौरान ITBP ने पानी और मलबे से भरी सुरंग से 12 नागरिकों को बचाया और कई प्रभावित गांवों में आवश्यक सामग्री वितरित की।
आईटीबीपी साहसिक खेलों जैसे पर्वतारोहण, स्कीइंग, रिवर राफ्टिंग, आइस हॉकी आदि के क्षेत्र में अग्रणी है। फोर्स ने माउंट एवरेस्ट पर चार सफल चढ़ाई सहित रिकॉर्ड 220 से ज्यादा सफल पर्वतारोहण अभियान आयोजित किए हैं। आईटीबीपी ने कई बार राष्ट्रीय आइस हॉकी चैंपियनशिप जीती है।
आईटीबीपी ने वर्ष 2012 और 2015 के दौरान रिवर राफ्टिंग अभियानों के माध्यम से दो बार गंगा स्वच्छता जन जागरण अभियान का आयोजन किया है।
आईटीबीपी को पद्मश्री-7, कीर्ति चक्र-2, शौर्य चक्र-6, सेना मेडल-1, वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक-19, वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस और अग्निशमन सेवा पदक-2, वीरता के लिए पुलिस पदक-131, पराक्रम पदक-79, सर्वश्रेष्ठ जीवन रक्षा पदक-2, उत्तम जीवन रक्षा पदक-13, जीवन रक्षा पदक-12, प्रधानमंत्री जीवन रक्षा पदक-88, तेनजिंग नोर्गे साहसिक पुरस्कार-13 आदि समेत कई सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है।
राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान आईटीबीपी की मार्चिंग टुकड़ी ने 06 बार 'सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते' की प्रतिष्ठित ट्रॉफी जीती है। 1998 और 2018 में दो बार गणतंत्र दिवस परेड में आईटीबीपी की झांकी प्रदर्शित की गई थी।